पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट

ताइवान में कंपनियों के अक्षय ऊर्जा खरीदने पर लगी रोक हटाना

सितंबर 2018
ताइवान में Google के डेटा केंद्र की इमारत.

2012 में हमने 100% अक्षय ऊर्जा खरीदने का बड़ा लक्ष्य तय किया था. तब से लेकर अब तक हमने इस क्षेत्र में काफ़ी तरक्की कर ली है. 2017 में हमने अपना लक्ष्य हासिल किया: Google दुनिया भर में अपने सभी कामों के लिए जितनी बिजली का इस्तेमाल करता है, उससे ज़्यादा ऊर्जा हमने पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्रोतों के रूप में खरीद ली थी. हम तेज़ी से तरक्की कर रहे हैं, ऐसे में बिजली के इस्तेमाल जितनी अक्षय ऊर्जा खरीदते रहने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी.

हमारी उपलब्धि के सही मायने जानना बहुत ज़रूरी है. हम दुनिया भर में जितनी बिजली अपने डेटा केंद्रों और ऑफ़िस में खर्च करते हैं उसके बराबर अक्षय ऊर्जा खरीदने में हम कामयाब रहे हैं. कई ग्रिड (इलाकों) में हम वहां के डेटा केंद्र और ऑफ़िस में इस्तेमाल हो रही बिजली से ज़्यादा अक्षय ऊर्जा खरीदते हैं — ऐसा इसलिए है क्योंकि कई ग्रिड से हमें अक्षय ऊर्जा खरीदने की अनुमति नहीं है — ऐसा करके हम अपने लक्ष्य का सौ फ़ीसदी पूरा करते हैं.

क्यों? ऐसा नहीं कि हम जहां भी काम करते हैं, वहां अक्षय ऊर्जा नहीं खरीदना चाहते. अगर हम बिजली देने वाली स्थानीय कंपनियों से अपने हर डेटा केंद्र के लिए अक्षय ऊर्जा खरीद पाते, तो हम ऐसा ज़रूर करते.

लेकिन सभी इलाकों में ऊर्जा का सिस्टम बहुत ज़्यादा नियंत्रित है और अलग-अलग तरह से काम करता है. कई इलाकों में बिजली देने वाली कंपनियां अपने ग्राहकों को अक्षय ऊर्जा खरीदने का विकल्प नहीं देती हैं. आपको वही खरीदना पड़ता है, जो वे आपको देते हैं.

हमारा सिर्फ़ एक लक्ष्य है कि जिस भी ग्रिड के पास हम काम करते हैं, वहां हम अक्षय ऊर्जा खरीद सकें. इसे हासिल करने का मतलब होगा कि हम उन बाज़ारों में बिजली के नए स्रोतों का प्रचार करेंगे जहां कंपनियों के पास अक्षय ऊर्जा नहीं है.

ऐसे में, हमारी नीतियों और बाज़ार के पक्ष में हमारे कामों का ज़िक्र करना ज़रूरी है.

ताइवान के इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट में बदलाव

बिजली को लेकर ताइवान के कारोबार और उद्योग से जुड़े ग्राहकों का अनुभव शुरुआत से वैसा ही रहा है जैसा पूरी दुनिया के ग्राहकों का रहता है. उन्हें बिजली की ऐसी सेवा चाहिए जो सुरक्षित और भरोसेमंद होने के साथ-साथ कम से कम दरों पर उपलब्ध हो.

साल 2015 में, Google ने अपने ताइवान वाले डेटा केंद्र के लिए कुछ ऐसी मांग की जो पहले बिजली के किसी ग्राहक ने नहीं की थी—अपने डेटा केंद्र के लिए अक्षय ऊर्जा खरीदने का मौका. साथ ही, Google चाहता था कि यह ऊर्जा कोई खास कंपनी बनाए और ऊर्जा को डेटा केंद्र तक यूटिलिटी ग्रिड के ज़रिए पहुंचाया जाए.

ताइवान में Google के डेटा केंद्र में काम करता आदमी.
ताइवान के प्रधानमंत्री ज़ाई इंग-वेन को ताइवान के डेटा केंद्र का दौरा कराते गैरी डेमासि, जो डेटा केंद्र की ऊर्जा और जगह से जुड़ी रणनीति के सीनियर डायरेक्टर हैं. दो साल तक सोच-विचार करने के बाद ताइवान की सरकार ने बाज़ार की नीतियों में बदलाव किया है. अब इनके तहत Google और दूसरी कंपनियां अक्षय ऊर्जा को सीधे उसे बनाने वालों से खरीद सकती हैं.

हमने सिर्फ़ अपने कार्बन फ़ुटप्रिंट को कम करने के लिए ऐसा नहीं किया है, बल्कि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करना Google का एक और अहम लक्ष्य है. अक्षय ऊर्जा काराेबार के लिहाज़ से भी अच्छी हाेती है. बिना ईंधन के इस्तेमाल वाले स्रोतों से अक्षय ऊर्जा खरीदने से, लंबे समय तक बिजली की एक ही कीमत रखना आसान हाे जाता है. इससे लागत भी एक जैसी ही रहती है. साथ ही, तेज़ी से बढ़ रहे बाज़ार में अक्षय ऊर्जा, बिजली के सबसे ज़्यादा सस्ते स्रोतों में से एक स्रोत भी बन रही है.

काराेबारी फ़ायदे और पर्यावरण के लिए अच्छे हाेने की वजह से ही, हाल के सालों में दुनिया भर की कंपनियां बढ़-चढ़कर अक्षय ऊर्जा खरीद रही हैं. दर्जनाें बड़ी कंपनियां अपने इंफ़्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचे) काे बढ़ाने का फ़ैसला अब यह देखकर करती हैं कि अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल कहां आसानी से हाे सकता है. Google के ग्लाेबल एनर्जी पॉलिसी ऐंड मार्केट डेवलपमेंट के वरिष्ठ अधिकारी, मार्स हैना कहते हैं, "हमने देखा है कि अमेरिका में अक्षय ऊर्जा मिलना और इसका इस्तेमाल करना, सिर्फ़ हमारी कंपनी के लिए नहीं बल्कि दूसरी प्रमुख कंपनियों के लिए भी ज़रूरी हाे गया है. इस आधार पर ही कंपनियां अपने इंफ़्रास्ट्रक्चर, साइट चुनने, और काम में आगे बढ़ने से जुड़े फ़ैसले ले रही हैं."

काफ़ी साेच-विचार के बाद, जनवरी 2017 में ताइवान की विधायिका ने देश के इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट में संशोधन करके सभी उपभोक्ताओं काे बाज़ार से सीधे ताैर पर अक्षय ऊर्जा खरीदने की छूट दे दी. एशिया में लागू हाे रहे अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम को लागू करने का काम अभी चल ही रहा है. फिर भी यह दिखाता है कि ताइवान ने अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल लिए कितना बड़ा बदलाव किया है.

ताइवान में डेटा केंद्र की इमारत के अंदर वाले हिस्से की फ़ोटो
ताइवान के हमारे डेटा केंद्र में, Google डेटा केंद्र के वाइस-प्रेसिडेंट जो कावा. ताइवान के इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट के तहत हम डेटा केंद्र के लिए लंबे समय के लिए अक्षय ऊर्जा खरीद पाएंगे, वह भी एक तय कीमत पर.

इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट में संशोधन की मदद से हम कंपनियाें के लिए बिजली खरीदारी अनुबंध (PPA) करवा पाएंगे, जिसका सीधा असर हमारे डेटा केंद्र के बिजली बिल पर पड़ेगा. नई पवन या सौर परियोजना के लिए अक्षय ऊर्जा बनाने वालाें के साथ यह करार लंबे समय तक लागू रहेगा. एक तय मूल्य की गारंटी देकर, बिजली बनाने वालाें के पास लंबे समय तक फ़ंडिंग रहती है, जिससे उनका पैसा बचता रहता है. साथ ही, आगे जाकर हम बाज़ार में ऊर्जा के बढ़े दाम देने से बच जाते हैं.

अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियों को बेहतर बनाना

Google ने 2007 में कार्बन न्यूट्रैलिटी के लिए काम करने का फ़ैसला किया. तब से हम अच्छी अक्षय ऊर्जा और कार्बन नीतियों के लिए राज्य, राष्ट्रीय, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज़ उठाते रहे हैं. हम जो नीतियां बनाते हैं, उनका मकसद एक तरह से हमारे सभी कामों के लिए 100% अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल करने में मदद करना होता है. लेकिन हम पूरी दुनिया के फ़ायदे के लिए भी अक्षय ऊर्जा की नीतियों का भी पालन करते हैं.

Google में एनर्जी मार्केट डेवलपमेंट के हेड, माइकल टेरेल कहते हैं, “हमारे समाज के लिए एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य बनाने में, जलवायु में होने वाला बदलाव बड़ी चुनौती साबित होता है.” “दुनिया को ऊर्जा और जलवायु से जुड़े मुद्दों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की ज़रूरत है और हम इसका हिस्सा बनना चाहते हैं.”

अमेरिका में, हम क्लीन पावर प्लान जैसी संघीय नीतियों का समर्थन करते हैं जो यू.एस. ग्रिड में अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए बनाई गई हैं. इन नीतियाें के तहत, अक्सर दूसरे प्रमुख ऊर्जा खरीदारों के साथ साझेदारी में काम किया जाता है. राज्य स्तर पर, हम नए तरीके बनाने काे बढ़ावा देते हैं, ताकि ग्राहक अक्षय ऊर्जा खरीद पाएं. साथ ही, पवन और सौर ऊर्जा में निवेश कर पाएं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम यूरोपीय संघ, एशिया, और दूसरी जगहों पर अक्षय ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.

उपभाेक्ताओं काे बाज़ार से सीधा जाेड़ने और इसके लिए सिफ़ारिश करने के अलावा, हम उद्योगाें में साझेदारी करके और व्यापार संगठनाें में हिस्सा लेकर अक्षय ऊर्जा नीतियां लागू करवाने की काेशिश करते हैं. हम अक्षय ऊर्जा के खरीदारों के संगठन के सदस्यों के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं. ये संगठन वॉशिंगटन, डी.सी. में अक्षय ऊर्जा नीतियों के लिए सिफ़ारिश करते हैं. हम 100% अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाले कारोबारों के लिए बने RE100 अभियान का भी हिस्सा हैं और हमने पूरे एशिया में अक्षय ऊर्जा नीति और इसके बुनियादी ढांचे से जुड़े काम ज़मीनी स्तर पर करने के लिए Center for Resource Solutions काे एक छाेटा सा अनुदान दिया है.

अक्षय ऊर्जा के लिए रास्ता बनाना

एक साथ काम करने से हमें अक्षय ऊर्जा के लिए नए रास्ते खोलने में मदद मिली है. उदाहरण के लिए, अप्रैल 2018 में, Google, Walmart, Target, और Johnson & Johnson से दो साल तक बातचीत के बाद, जॉर्जिया की सरकार ने कॉरपोरेशन को Georgia Power से सीधे अक्षय ऊर्जा खरीदने की अनुमति देने के लिए एक कार्यक्रम को मंज़ूरी दे दी. Georgia Power वहां की सबसे बड़ी बिजली कंपनी है.

इस कार्यक्रम की मदद से 177 मेगावॉट (MW) की कुल क्षमता के दो सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के निर्माण को हरी झंडी मिली. वहां के इतिहास में पहली बार किसी कंपनी ने इतने बड़े स्तर पर अक्षय ऊर्जा खरीदी. इस खरीदारी की कीमताें के हिसाब से, हम अपने बिजली बिल के एक हिस्से काे, पैदा हुई अक्षय ऊर्जा की तय कीमत से बदल देते हैं. जब 2019 और 2020 में नए प्रोजेक्ट शुरू हाे जाएंगे, तो Google, डगलस काउंटी डेटा सेंटर के लिए 79 मेगावॉट सौर ऊर्जा खरीदेगा.

टेरेल कहते हैं, "यह ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया और अलग बदलाव है." "Google और दूसरी कंपनियाें जैसे बड़े ऊर्जा खरीददारों की सिफ़ारिश का ही असर है कि बिजली सप्लायर खुद आगे आ रहे हैं और अक्षय ऊर्जा खरीदने के विकल्प खोल रहे हैं.

ताइवान में डेटा केंद्र की इमारत के बाहरी हिस्से की फ़ोटो
जॉर्जिया की सरकार के साथ 2018 में हुए हमारे समझौते के तहत हम राज्य में बिजली बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी से 79 मेगावॉट बिजली खरीद रहे हैं. इसका इस्तेमाल हम डगलस काउंटी वाला अपना डेटा केंद्र को चलाने के लिए कर रहे हैं.

कई तरह से, अक्षय ऊर्जा के बारे में जागरूकता बढ़ाने का हमारा काम अभी शुरू ही हुआ है.

टेरेल कहते हैं, “कंपनियों को ज़्यादा से ज़्यादा अक्षय ऊर्जा इस्तेमाल करने को बढ़ावा देने के लिए हमें कोई जादू की छड़ी नहीं मिली है. इस तरह के ये पहले कार्यक्रम हैं और अब भी हम ऐसे तरीके ढूंढ रहे हैं, जिनके ज़रिए अक्षय ऊर्जा खरीदने की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके. अभी करीब 100 कंपनियां अक्षय ऊर्जा खरीद रही हैं, लेकिन जलवायु पर असर डालने के लिए हमें इस संख्या को 1,00,000 पहुंचाना होगा. अगर कंपनियां, संस्थाएं, और सरकारें साथ में काम करती हैं, तो हमें विश्वास है कि हम इस लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे."