सप्लाई चेन से जुड़े ऐसे प्रोजेक्ट जो कॉर्पोरेट की सामाजिक ज़िम्मेदारियों (सीएसआर) को निभाते हैं

सुरक्षित केमिकल के इस्तेमाल और एक ज़िम्मेदार मैनेजमेंट की मदद से, धरती और अपने लोगों को बचाना

अगस्त 2022
एक सप्लायर, जिसने लाल रंग के ग्लव्स, सफ़ेद शर्ट, और काला एप्रन पहन रखा है. साथ ही, चेहरे पर मास्क, आंखों पर चश्मा, और फ़ेस शील्ड लगाकर, पाइप की मदद से कुछ काम कर रहा है

कमरे में “Ok Google” कहते समय, शायद आपका ध्यान इस ओर नहीं जाता होगा कि इस हैंडी स्मार्ट स्पीकर को बनाने में कितनी मेहनत लगी होगी. अगर आपने ध्यान दिया हो, तो शायद आपकी कल्पना में कंप्यूटर के सामने बैठा कोई डेवलपर या किसी जटिल माइक्रोचिप में उलझा कोई इंजीनियर होगा. ऐसा नहीं है कि हमारी इलेक्ट्रॉनिक्स चीज़ों को बनाने और सप्लायर के कारखाने को चलाने में सिर्फ़ कई गैलन क्लीनर, डीग्रीज़र, डीमोल्डर, और मशीन काटने वाले तरल पदार्थ जैसे केमिकल की ही भूमिका है.

Google जो भी फ़ोन, स्मार्ट स्पीकर, कैमरा या डेटा सेंटर के सर्वर बनाता है उसके पीछे केमिकल मैनेजमेंट विशेषज्ञों की एक पूरी टीम होती है. इस टीम की यही कोशिश रहती है कि हमारे प्रॉडक्ट को बनाने में जिस सामान का इस्तेमाल हो उसका मनुष्य और पर्यावरण पर कोई बुरा असर न पड़े, अगर असर हो भी, तो वह भी सिर्फ़ न के बराबर.

Google अपने सप्लायर के साथ मिलकर काम करता है. इससे यह पक्का हो जाता है कि खतरनाक केमिकलों का इस्तेमाल करते समय, वे हमारे दिशा-निर्देशों का पालन करें. मैन्युफ़ैक्चरिंग प्रोसेस में, हम नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ों का कम से कम इस्तेमाल करते हैं. इनके बदले सुरक्षित विकल्प ढूंढने की कोशिश करते हैं, ताकि पर्यावरण और हमारी सप्लाई चेन में शामिल लोगों को नुकसान होने की संभावना कम से कम हो जाए. इसके अलावा, हम अपने सप्लायर के कारखाने का नियमित रूप से ऑडिट करते हैं, ताकि उनके अपनाए जा रहे तरीकों की जांच की जा सके.

हालांकि, ज़िम्मेदारी सिर्फ़ हमारे सप्लायर की नहीं है. पिछले कुछ सालों में हमने कॉम्प्रिहेंसिव रिस्पॉन्सिबल केमिकल मैनेजमेंट कार्यक्रम विकसित किया है. इसमें आकलन, दिशा-निर्देश, और ट्रेनिंग से जुड़े संसाधन शामिल हैं, ताकि हमारे सप्लायर जो केमिकल इस्तेमाल करते हैं उनका कर्मचारियों और पर्यावरण पर पड़ने वाला बुरा असर कम से कम हो. हाल ही में, हमने कुछ कदम उठाए हैं. इनमें ज़्यादा जानकारी और पारदर्शिता के साथ हर काम का आकलन करने से जुड़ा कार्यक्रम शामिल है. इसके अलावा, खतरे को कम से कम करने के लिए, हम सप्लायर को बड़े पैमाने पर ट्रेनिंग और दिशा-निर्देश देते हैं. साथ ही, हम नई औद्योगिक साझेदारियां भी कर रहे हैं, ताकि पूरे उद्योग जगत के साथ काम करने के सबसे सही तरीके शेयर किए जा सकें.

इन सभी पहलुओं पर काम करना, हमारा मूल सिद्धांत है: जैसे, Google का प्रॉडक्ट इस्तेमाल करते समय, किसी को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए, उसी तरह इसे बनाते समय भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.

एक सप्लायर, जिसने सफ़ेद ग्लव्स, चेक के डिज़ाइन वाली शर्ट, मास्क, और धारीदार हेड कवर पहना हुआ है, उसके हाथों में सोल्डर करने वाला टूल है
हमने कर्मचारियों को, सांस से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए, सुरक्षा से जुड़े कई इंतज़ाम किए हैं. जैसे, सोल्डर करने वाले टूल की नोक से धुआं खींचने वाली ट्यूब जोड़ना.

जोखिम कम करना

Google की सप्लायर रिस्पॉन्सिबिलिटी की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर सेरेना चेन कहती हैं, "हम जितनी जानकारी इकट्ठा करेंगे, कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना उतना ही आसान हो जाएगा”. इस दिशा में चेन और उनकी टीम ने समय के साथ, आकलन के अलग-अलग तरीके तैयार किए हैं. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि हम अपने सप्लायर के केमिकल मैनेजमेंट के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के और उसके आकलन के तरीके को लगातार बेहतर बना सकें.

सबसे पहले हमने मैन्युफ़ैक्चरिंग से जुड़े प्रतिबंधित पदार्थों की एक लिस्ट (एमआरएसएल) को, कंज़्यूमर हार्डवेयर प्रॉडक्ट के दिशा-निर्देशों में जोड़ा. यह काम साल 2017 में किया गया. साल 2018 में, हमने एमआरएसएल आकलन और एलान कार्यक्रम शुरू किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हमारे सप्लायर जिन केमिकलों का इस्तेमाल करते हैं उनमें से किनमें प्रतिबंधित पदार्थ होते हैं. साथ ही, हमने अपने सप्लायर को ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल धीरे-धीरे बंद करके उनके बदले में सुरक्षित विकल्प मुहैया कराने में मदद की.

साल 2020 में हमने आकलन का एक बेहतर तरीका अपनाया: प्रोसेस केमिकल फ़ुल मटीरियल डिसक्लोज़र (एफ़एमडी) डेटा कलेक्शन ऐंड असेस्मेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई. इसे सामान बनाने वाली और उसे पूरी तरह तैयार करके, इकट्ठा करने वाली हर साइट के लिए रोल आउट किया गया. यह आकलन सबके लिए बहुत ज़रूरी है. इसमें हम चुने हुए सप्लायर को एमआरएसएल आकलन की तुलना में ज़्यादा जानकारी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं. इससे हमें निर्माण प्रक्रिया में प्रोसेस होने वाले सभी केमिकलों के बारे में पारदर्शी और बेहतर जानकारी मिल पाती है. साथ ही, हम यह भी जान पाते हैं कि इसके संपर्क में आने पर, कर्मचारियों के स्वास्थ्य को कितना खतरा होगा. हमारा लक्ष्य सप्लायर से जुड़े ज़्यादातर आकलनों को एफ़एमडी कार्यक्रम की तरफ़ ले जाना है. हम इसकी शुरुआत सबसे ज़्यादा प्राथमिकता वाले सप्लायर के साथ कर रहे हैं.

साल 2018 में, एमआरएसएल कार्यक्रम की शुरुआत के साथ-साथ हमने साइट पर केमिकल मैनेजमेंट आकलन (सीएमए) करना शुरू किया. यह हमने कुछ चुनिंदा सप्लायर के कारखाने में शुरू किया, ताकि हमारी ज़रूरतों के हिसाब से उनके काम करने की पुष्टि की जा सके. साथ ही, यह भी पक्का किया जा सके कि केमिकल मैनेजमेंट और खतरे को नियंत्रित करने के उनके तरीके, कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा देने के हिसाब से सही हों. COVID-19 के प्रतिबंधों की वजह से, साल 2020 में हमने एक हाइब्रिड सीएमए प्रोटोकॉल बनाया. इससे हमें निर्माण से जुड़ी गतिविधियों पर सही तरीके से नज़र रखने में मदद मिली. साथ ही, तकनीकी और बाकी चुनौतियों से निपटने में अपने सप्लायर को सबसे सही सलाह देने में मदद मिली.

आकलन करने के अपने कार्यक्रमों के ज़रिए, हम मैन्युफ़ैक्चरिंग में इस्तेमाल हो रहे सामान की लगातार जांच कर रहे हैं. खतरनाक केमिकलों पर नियंत्रण के लिए, सही प्रक्रिया को सुनिश्चित कर रहे हैं. इसके अलावा, सप्लायर के साथ साझेदारी कर रहे हैं, ताकि नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ों का इस्तेमाल बंद किया जा सके या फिर उनके बदले ईको-फ़्रेंडली विकल्पों का इस्तेमाल किया जा सके. साल 2020 से अब तक, हमने करीब 150 केमिकल प्रोसेस की जांच की है. इससे सप्लायर को स्वास्थ्य के लिहाज़ से काम करने की बेहतर जगह बनाने में मदद मिलती है. इससे खास तौर पर, उन्हें फ़ायदा होता है जो ऐसे केमिकलों के सीधे संपर्क में रहकर काम करते हैं.

एक सप्लायर, जिसने काम करने के दौरान, बैंगनी रंग के ग्लव्स, सफ़ेद शर्ट, मास्क, हेड कवर, और चश्मा पहन रखा है
हम यह पक्का करते हैं कि सुरक्षा से जुड़े सभी इंतज़ाम किए गए हों. इनमें केमिकल को मिलने वाली मंज़ूरी से लेकर, साफ़-सफ़ाई और उसे नष्ट करने तक के चरण शामिल हैं.

आपको ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी मुहैया कराना

हम जो दिशा-निर्देश देते हैं वे आकलन से जुड़े हमारे कार्यक्रमों के साथ-साथ लगातार तैयार हुए हैं. उनमें पाबंदियों के अलावा भी बहुत कुछ बताया जाता है. साल 2021 में, हमने उपभोक्ताओं से जुड़े हार्डवेयर के लिए, Google के प्रतिबंधित पदार्थों के बारे में जानकारी वाले दस्तावेज़ में एमआरएसएल को अपडेट किया. इसके अलावा, अपने सप्लायर के लिए अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराए.

Google की मैन्युफ़ैक्चरिंग से जुड़े प्रतिबंधित पदार्थों की जानकारी वाले दस्तावेज़ और सप्लाई चेन रिस्पॉन्सिबल केमिकल मैनेजमेंट गाइड का मकसद, सप्लायर की मदद करना है. ऐसा इसलिए, ताकि वे सप्लायर के लिए आचार संहिता में, कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बताई गई और एमआरएसएल की ज़रूरी शर्तें पूरी कर सकें. इन दिशा-निर्देशों की मदद से, सप्लायर को ईको-फ़्रेंडली केमिकलों के बारे में समझने में आसानी होती है. साथ ही, खतरे के आकलन से जुड़े टूल, अलग-अलग लेवल पर केमिकल के इस्तेमाल पर निगरानी, कर्मचारियों को काम में शामिल करने की रणनीति, और आकलन करने के वैकल्पिक तरीकों जैसी अतिरिक्त सुविधाएं मिल पाती हैं.

जैसा कि चेन कहती हैं, “सप्लायर को हम सिर्फ़ काम करने से जुड़ी ज़रूरी जानकारी की सूची नहीं दे सकते. हमें सप्लायर के कर्मचारियों को समझाना होगा कि किसी केमिकल की शुरू से आखिर तक कैसे जांच करें और कैसे उसे मैनेज करें. इसमें, डिज़ाइन के स्टेज में मंज़ूरी देने से लेकर उसके सही इस्तेमाल, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट, और ट्रीटमेंट के अलावा, उसे नष्ट करना या रीसाइकल करना शामिल है.”

हम यह उम्मीद करते हैं कि सप्लायर, इंडस्ट्री स्टैंडर्ड और Google से जुड़े दिशा-निर्देशों को पूरा करने वाले कॉम्प्रिहेंसिव केमिकल मैनेजमेंट कार्यक्रम बनाएंगे और उन्हें लागू करेंगे. इसके अलावा, हमने इस क्षेत्र में काम करने वाले कुछ खास सप्लायर के लिए, मौजूदा ट्रेनिंग में मदद करने के मकसद से एक पाठ्यक्रम भी तैयार किया है. साल 2021 में हमने चार ट्रेनिंग वेबिनार का आयोजन किया और चार ई-लर्निंग कोर्स की शुरुआत की. अब तक 200 से ज़्यादा मैन्युफ़ैक्चरिंग सप्लायर इन कोर्स को पूरा कर चुके हैं. हम जैसे-जैसे सप्लायर के और ज़्यादा कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं, वैसे-वैसे यह संख्या बढ़ती जा रही है.

साझेदारी से ही राह निकलती है

जितने ज़्यादा इंडस्ट्री पार्टनर के साथ मिलकर काम किया जाएगा, जानकारी को उतने ही बेहतर तरीके से साझा करने में आसानी होगी. इस जानकारी का इस्तेमाल हम दुनिया भर के उन कर्मचारियों के लिए कर सकेंगे जिन्हें खतरनाक केमिकलों के संपर्क में आने का ज़्यादा खतरा रहता है. रिस्पॉन्सिबल बिज़नेस अलायंस (आरबीए) में हमारी लगातार भागीदारी से, इस लक्ष्य को पाने में हमें सीधी मदद मिली है.

अपने सप्लायर को इन ट्रेनिंग का ऐक्सेस दिलवाने के अलावा, आरबीए के सदस्य मिलकर काम करने वाले एक प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिए, आइडिया, सवाल, और समाधान ढूंढने का काम करते हैं. इस प्लैटफ़ॉर्म का नाम केमिकल मैनेजमेंट वर्कग्रुप है. यह कारगर साबित हो चुके क्वालिटी केमिकल मैनेजमेंट को प्रोत्साहित करता है.

साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा की सीधी वजह है: एक-दूसरे से सीखने की इच्छा और सप्लायर मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना. हमारी टीम से मिली अहम जानकारी से, आरबीए को नई केमिकल नीति पब्लिश करने में मदद मिली. इससे पूरे उद्योग जगत में बदलाव लाने के लिए, सप्लाई चेन में निगरानी और बातचीत के तरीकों में सुधार आया.

चीज़ों को बेहतर बनाने का यही जज़्बा, ChemFORWARD की हमारी हिस्सेदारी में दिखा. यह एक गैर-लाभाकारी संस्था है, जो केमिकल से होने वाले खतरों से जुड़े ऐसे डेटा का बेहतर केंद्रीय डेटाबेस तैयार करने पर काम कर रही है जिसकी समीक्षा विशेषज्ञों ने की है.

ChemFORWARD की सह-संस्थापक और कार्यकारी निदेशक स्टेसी ग्लास कहती हैं, “यहां किसी एक संस्था के बजाय, हम सभी के लिए केमिकल से होने वाले खतरों का सही मैनेजमेंट ज़्यादा अहम विषय है.”

कंप्यूटर स्क्रीन की एक तस्वीर, जिसमें केमिकल को फ़िल्टर करने वाली सूची दिखाता हुआ ChemFORWARD का केमिकल ऑप्टिमाइज़ेशन प्लैटफ़ॉर्म दिख रहा है
ChemFORWARD का ऑनलाइन शेयर किया गया केमिकल ऑप्टिमाइज़ेशन प्लैटफ़ॉर्म, उपयोगकर्ताओं को केमिकल से होने वाले खतरों से जुड़ा डेटा खोजने और सुरक्षित विकल्पों को ढूंढने में मदद करता है.

परंपरागत तौर पर, कंपनियां अपनी सप्लाई चेन में इस्तेमाल होने वाले केमिकलों की निगरानी करने के अलावा, स्थानीय कानूनों की ज़रूरतों के हिसाब से भी काम करती थीं. इन कानूनों के तहत, वे खतरनाक केमिकलों की प्रोफ़ाइल बनाने के लिए, लाइसेंस रखने वाले टॉक्सिकोलॉजिस्ट के साथ मिलकर काम करती थीं. ग्लास इस तरीके को "खर्चीला और असंगत" बताती हैं.

लगातार निजी व्यवस्था पर भरोसा करने के बजाय, ChemFORWARD ने एक बेहतर तरीका अपनाया है. साथ ही, इस डेटा को स्टोर करने के लिए, एक केंद्रीय जगह तय की है. यह एक ऐसा किफ़ायती संसाधन है जिसे ज़रूरत के हिसाब से और बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, कंपनियों को अलग-अलग जगहों से जानकारी इकट्ठा करने के बजाय, एक ही जगह पर भरोसेमंद जानकारी मिल जाती है. जैसा कि ग्लास कहती हैं, “केमिकल से होने वाले खतरों से जुड़े डेटा का ऐक्सेस ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को देकर और सुरक्षित विकल्प तैयार करके, हम अपनी सप्लाई चेन को मज़बूत बना रहे हैं. ऐसा करने का मकसद, लोगों को खतरनाक केमिकल के संपर्क में आने से बचाना, मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाना, और सुरक्षित और सर्कुलर मटीरियल फ़्लो को बनाए रखना है.”

Google की सर्कुलर इकॉनमी के लीड, माइक वर्नर इससे सहमत हैं. वे कहते हैं, “मुख्य अंतर यह है कि हम किसी सरकार का इंतज़ार नहीं कर रहे हैं कि वह किसी केमिकल को 'प्रतिबंधित' वाली सूची में डाले.”

“हम मनुष्य के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े मानकों पर लगातार नज़र रख रहे हैं, ताकि खतरों से जुड़े अहम पहलुओं का पता लगाया जा सके. ChemFORWARD की मदद से, हम ऐसी केमिकल प्रोफ़ाइल विकसित कर सकते हैं. साथ ही, डेटा स्टोर करने की ऐसी जगह बना सकते हैं जिसे पूरी दुनिया के साथ शेयर किया जा सके.”

बढ़ता संकट

Google अकेले सुरक्षित केमिकल के इस्तेमाल को सुनिश्चित नहीं कर सकता. उद्योग से जुड़े पार्टनर के साथ मिलकर काम करने से, हम पूरी सप्लाई चेन में लोगों को खतरनाक केमिकलों के संपर्क में आने से रोक सकते हैं, अपने कर्मचारियों, हमारे सप्लायर जहां काम करते हैं उन समुदायों, और हमारे प्रॉडक्ट के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा कर सकते हैं.

वर्नर कहते हैं, “जब बाढ़ आती है, तो सबके घर में पानी घुसता है. इसलिए, यह समाधान सिर्फ़ Google के लिए नहीं है. अगर और भी कंपनियां इस प्रोसेस और डेटा शेयर करने के मॉडल को अपनाती हैं, तो इससे काफ़ी ज़्यादा फ़ायदा होगा. इससे हम ऐसे प्रॉडक्ट, सामान, और सेवा तैयार करने के अपने लक्ष्य तक जल्दी पहुंच सकेंगे जिनमें खतरनाक केमिकलों का इस्तेमाल न होता हो.”