पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट

घर-घर सौर ऊर्जा पहुंचाना

दिसंबर 2016
एक शांत-से घर के सामने खड़ा आदमी. घर की छत पर सोलर पैनल लगे हैं.

सूरज से बहुत सारी ऊर्जा मिलती है. यह एक सेकंड में इतनी ऊर्जा पैदा करता है कि दुनिया भर की 5,00,000 सालों की ज़रूरत पूरी हो जाए. इससे भी अहम बात यह है कि धरती को सूरज से घंटे भर के लिए मिलने वाला प्रकाश, पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को साल भर चलाने के लिए काफ़ी है. अफ़सोस की बात यह है कि इस ऊर्जा का एक बहुत ही छोटा-सा हिस्सा इस्तेमाल किया जाता है. अगर अमेरिका में जिन छतों का इस्तेमाल कर सकते हैं उन पर सौर पैनल लगे हों, तो इससे देश की कुल ऊर्जा ज़रूरतों में से 39% इसी से पूरी की जा सकती हैं. कम शब्दों में कहें तो, इंसान के पास सौर ऊर्जा के तौर पर बहुत बड़ा स्रोत है, पर वह उसका बहुत ही मामूली हिस्सा इस्तेमाल कर पा रहा है.

किस वजह से सौर ऊर्जा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल नहीं हो रहा? कुछ हद तक इसमें बुनियादी सुविधा की समस्या है; पारंपरिक पावर ग्रिड, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले ऊर्जा के स्रोतों के साथ काम नहीं करते. इसमें मार्केटिंग की भी समस्या है: बहुत सारे लोग अब भी सौर ऊर्जा को घर की महंगी लग्ज़री के तौर पर देखते हैं, जबकि सच तो यह है कि सौर ऊर्जा कम खर्चीली है और ग्रिड पावर के मुकाबले इसका बिल भी कम आता है.

आखिरकार यह समस्या लोगों तक सही जानकारी न पहुंचने की है. ज़्यादातर लोगों के मन में सौर ऊर्जा को लेकर ढेरों सवाल होते हैं: किफ़ायती दर, मौसम, और लाइट का पैटर्न, छत का इस्तेमाल किया जा सकने वाला हिस्सा, एंगल और झुकाव, सरकार की तरफ़ दिया जाने वाला प्रोत्साहन. यह जानकारी वेब पर दी गई है, अमेरिकी ऊर्जा विभाग 1 के डेटाबेस से लेकर सौर ऊर्जा के सप्लायर तक. दूसरे शब्दों में कहें, तो सौर ऊर्जा को अपनाना उतना आसान नहीं है जितना इसे होना चाहिए या हो सकता है.

कई साल पहले, Google के कैंब्रिज, एमए, ऑफ़िस में काम करने वाले इंजीनियर कार्ल एल्किन को एक बात समझ आई: अगर आप कुछ अलग-अलग तरह के डेटा स्ट्रीम को एक जगह लाते हैं और कुछ पेचीदा हिसाब लगाते हैं, तो आप जान सकते हैं कि किसी दिए गए पते की छत पर कितनी सौर ऊर्जा पैदा की जा सकती है.

मैनहैटन में सौर क्षमता दिखाता Sunroof इंटरफ़ेस
मैनहैटन में सौर क्षमता दिखाता Sunroof इंटरफ़ेस

इस विचार की शुरुआत Google Earth पर दिखाई देने वाले रूफ़टॉप सैटलाइट से हुई: इससे मिलने वाली तस्वीरों से छत की दिशा (दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम) की डिजिटल सतह का मॉडल, इसके झुकाव का एंगल, और आस-पास मौजूद छाया देने वाली चीज़ों, जैसे बड़े पेड़ वगैरह के बारे में पता चलता है. वहां से आप 3-D नक्शे की मदद से दिन भर छत पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी का अंदाज़ा लगाकर मॉडल बना सकते हैं. मौसम के पैटर्न का डेटा जोड़ें, साल भर का औसत निकालें, सूरज की रोशनी को किलोवाट-घंटे में बदलें, और उसके बाद आपको मिलता है: किसी छत पर बनने वाली सौर ऊर्जा बुनियादी अनुमान. इसका हिसाब करने के बाद, बस कुछ ही चरणों में किसी खास पते के लिए लागत निकाली जा सकती है.

एल्किन ने यह आइडिया अपने सहयोगियों के साथ शेयर किया. इसके लिए पांच दफ़्तरों के दर्जनों लोग इसमें वालंटियर के तौर पर शामिल हुए. एल्किन कहते हैं कि “लोग अपने रोज़मर्रा के काम से बाहर आने लगे.” जब प्रोजेक्ट टीम ने इस काम के लिए टूल बना लिया, तो दूसरे आइडिया भी इसमें शामिल होने लगे. Sunroof ने ऊर्जा के इस्तेमाल के 20 अलग-अलग तरीकों का औसत निकाला, जिसमें लोग अपनी बिल्कुल सही लागत और इस्तेमाल की जानकारी दर्ज करके इसे ज़्यादा सटीक बना सकते हैं. 2 टीम ने मशीन लर्निंग का सहारा लिया, ताकि Sunroof, छत, और पेड़ों के बीच अंतर समझने और छत पर आसमान से हर कोने पर पड़ने वाली रोशनी मापने जैसी चीज़ें कर सके.

धरती को सूरज से घंटे भर के लिए मिलने वाला प्रकाश, पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को साल भर चलाने के लिए काफ़ी है. अफ़सोस की बात है कि उस ऊर्जा का एक बहुत ही छोटा हिस्सा इकट्ठा हो पाता है.

Sunroof करीब एक पेटाबाइट (1,000 टेराबाइट) डेटा प्रोसेस करता है: 430 लाख घरों की ऊंचाई और रंग, मौसम की जानकारी, राज्य और स्थानीय स्तर पर मिलने वाली 1,000 छूट, सैकड़ों स्थानीय बिजली की दरें.

पिछले तीन सालों में एल्किन और उनकी टीम के लिए Sunroof, एक पार्ट टाइम प्रोजेक्ट से बढ़कर फ़ुल टाइम जॉब बन गया है. शुरुआत में इसे ग्राहकों के बीच जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा के मकसद से शुरू किया गया था, पर अब इस सेवा ने घरों के मालिकों के लिए उनके इलाके में [सौर ऊर्जा की सुविधा उपलब्ध कराने वालों (https://www.google.com/sunroof) से संपर्क करना] आसान बना दिया है. Sunroof, इस समय अमेरिका में 50% से भी ज़्यादा घरों में यानी 430 लाख छतों पर अपनी सेवा दे रहा है. यह सुविधा आने वाले महीनों में पूरे 50 राज्यों में उपलब्ध हो जाएगी.

Google के कैंब्रिज ऑफ़िस में Sunroof इंजीनियरिंग टीम
Google के कैंब्रिज ऑफ़िस में Sunroof इंजीनियरिंग टीम

टीम अंतरराष्ट्रीय विस्तार के बारे में भी योजना बना रही है और इसने हाल ही में Data Explorer लॉन्च किया है. यह ऐसा टूल है जिससे रिसर्च करने वालों, समुदाय की तरफ़ से आवाज़ उठाने वाले लोगों, और स्थानीय नीतियां बनाने वाले लोगों को सौर ऊर्जा की संभावनाओं से जुड़े डेटा का ऐक्सेस मिल जाता है. इसकी मदद से वे राज्य, काउंटी, शहर, और आस-पास की जगहों के लिए सौर-ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाले बड़े सेटअप लगाने के बारे में फ़ैसला ले पाते हैं.

इस उद्योग की सबसे बड़ी वित्तीय परेशानी, ग्राहकों को पाने में लगने वाली लागत रही है. मुकाबला इतना ज़्यादा है कि सेवा देने वाली कंपनियां सिर्फ़ नए कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए इंस्टॉलेशन की लागत की 44% रकम खर्च कर देती हैं.3 इस समस्या को हल करने के लिए Sunroof, सौर ऊर्जा की सुविधा देने वाली कंपनियों को मुफ़्त में ग्राहकों से संपर्क करने में मदद करती है. 4 सूरज की रोशनी से जगमगाने में इससे बेहतर क्या मदद हो सकती है.

प्रोजेक्ट Sunroof

1http://www.nrel.gov/

2फ़िलहाल, 42 राज्यों में उपलब्ध है.

3http://www.nrel.gov/docs/fy15osti/64746.pdf

4Sunroof किसी व्यक्ति की सिर्फ़ वही संपर्क जानकारी किसी सौर ऊर्जा देने वाली कंपनी को देता है, जो उन्होंने साफ़ तौर पर देने की मंज़ूरी दी हो.

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