सप्लाई चेन से जुड़े ऐसे प्रोजेक्ट जो कॉर्पोरेट की सामाजिक ज़िम्मेदारियों (सीएसआर) को निभाते हैं

आज़माए जाने से लेकर बिजली पहुंचाने तक का सफ़र: कॉन्गो में अक्षय ऊर्जा इकट्ठा करना

अक्टूबर 2019
कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी)

कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में रहने वाले कई लोग, खनन उद्योग से जुड़े हैं. यह उनके लिए जीवन जीने और उसे नया मतलब देने का सबसे बेहतरीन तरीका है. हमने पिछले साल अपने कॉन्गो पावर प्रोग्राम का एलान किया, जो कि हमारी एक कोशिश का हिस्सा है. इस कोशिश के तहत, हम उन समुदायों की मदद करते हैं जो ज़िम्मेदारी के साथ स्रोतों की पूर्ति करने का काम कर रहे हैं. इसमें, हम वैकल्पिक रोज़गार के बेहतर अवसरों का निर्माण करने में उनकी मदद करते हैं.

Google का मकसद है कि कच्चे खनिजों पर हमारी निर्भरता पूरी तरह से खत्म हो जाए और यह प्रोग्राम उसी का हिस्सा है. इस बड़े मकसद को पूरा करने के लिए, खनन के बेहतर तरीकों को बढ़ावा देना ही काफ़ी नहीं होगा. इसके लिए, खनन के दूसरे विकल्पों को बढ़ावा देना भी ज़रूरी है.

कॉन्गो पावर प्रोग्राम की नींव इस विचार पर रखी गई है कि अक्षय ऊर्जा, कॉन्गो में प्रगति लाने में बड़ा योगदान दे सकती है. फ़िलहाल, कॉन्गो में बिजली की पहुंचने की दर सिर्फ़ नौ प्रतिशत है. इस प्रोग्राम की मदद से, हम अन्य गैर-लाभकारी, शैक्षणिक, और तकनीकी पार्टनर को कॉन्गो के संगठनों के साथ एकजुट कर रहे हैं, ताकि खनन करने वाले समुदायों के लोगों के लिए आजीविका के ज़्यादा अवसर पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ सकें.

साल 2018 में, हमने अपने चार शुरुआती प्रोजेक्ट की नींव रखनी शुरू की. हर एक प्रोजेक्ट को कॉन्गो के समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर बनाया गया है. इन ही सदस्यों ने समुदाय की ज़रूरतों और अपनाए जा सकने वाले समाधानों की पहचान की थी.

म्यूबी में, 2019 में सोलर पैनल लगाने शुरू किए गए. यह काम Alphamin और Alliance LOWA के सहयोग से शुरू हुआ था.
म्यूबी में, 2019 में सोलर पैनल लगाने शुरू किए गए. यह काम Alphamin और Alliance LOWA के सहयोग से शुरू हुआ था.

नए पार्टनर, नई संभावनाएं

ऊर्जा से जुड़ी जैसी समस्याएं कॉन्गो (डीआरसी) में मौजूद हैं उनकी पहचान करने के लिए खास तरह की विशेषज्ञता की ज़रूरत होती है. साल 2018 में, हमने कॉन्गो पावर प्रोग्राम को सही दिशा देने के लिए, इसमें दो पार्टनर और जोड़े: पहला पार्टनर रिज़ॉल्व (RESOLVE) है. यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो हितधारकों के साथ जुड़ता है और उनके साथ साझेदारी करता है. यह संगठन, कॉन्गो (डीआरसी) के संघर्ष से प्रभावित इलाकों के साथ भी जुड़ता है. दूसरा पार्टनर GivePower फ़ाउंडेशन है. इसकी विशेषज्ञता, सौर ऊर्जा वाले प्रोजेक्ट में है.

रिज़ॉल्व (RESOLVE), कॉन्गो पावर सेक्रिटेरिअट के तौर पर काम करता है. रिज़ॉल्व (RESOLVE) को प्रोजेक्ट के लिए सोची-समझी योजना तैयार करने, हितधारकों के साथ जुड़ने, और संसाधनों के साथ तालमेल बैठाने में विशेषज्ञता हासिल है. गैर-लाभकारी संगठन, अलग-अलग क्षेत्रों से फ़ंड देने वाले लोगों और सलाहकारों से जुड़ने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. साथ ही, कॉन्गो (डीआरसी) में रहने वाले समुदायों को ज़्यादा से ज़्यादा ज़मीनी स्तर के पार्टनर से जोड़ने की कोशिश करेंगे. ऐसा संघ को बढ़ाने के लिहाज़ से किया जाता है.

रिज़ॉल्व (RESOLVE) की सीनियर मीडिएटर, जेनिफ़र पीज़र का कहना है, “स्थानीय साझेदारों से जुड़ना, सफलता हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका साबित होगा. इसकी मदद से यह पक्का किया जा सकता है कि हम वास्तव में समुदायों की ज़रूरतों और प्राथमिकताओं को पूरा कर पा रहे हैं या नहीं.”

GivePower, हमारा दूसरा प्रमुख पार्टनर है. इसका नाम, सोलर से जुड़े बड़े कामों में सबसे पहले आता है. यह उन समुदायों तक सोलर सिस्टम पहुंचाता है जिनके पास फ़िलहाल बिजली नहीं पहुंच पाई है. GivePower के कार्यकारी निदेशक, बेरेट राफ़्टरी कहते हैं, “हम तकनीकी जानकारी रखने वाले लोग हैं. हम जानते हैं कि किसी जगह पर सोलर सिस्टम को कैसे लगाया जाता है और उसका रखरखाव कैसे किया जाता है.” संगठन को कॉन्गो (डीआरसी) में, कॉन्गो पावर के साथ जुड़ने और मिलकर काम करने की खुशी है. साल 2016 में एक अलग कारोबार के तौर पर, GivePower ने विरुंगा नैशनल पार्क में तीन माइक्रोग्रिड लगाए. इससे, रेंजर (जंगल की रक्षा करने वाले) के लिए, ज़िंदगी बचाने से जुड़े कम्यूनिकेशन सिस्टम को पहले जैसा करने में मदद मिलेगी.

शुरूआती प्रोजेक्ट पर काम शुरू करना

ईज़वी द्वीप. यहां बिजली के पहुंचने की दर सिर्फ़ नौ प्रतिशत है (और ग्रामीण समुदायों में एक प्रतिशत है). इससे कॉन्गो (डीआरसी) में, सोलर के इस्तेमाल से होने वाले अहम आर्थिक और सामाजिक प्रभाव देखे जा सकते हैं.
ईज़वी द्वीप. यहां बिजली के पहुंचने की दर सिर्फ़ नौ प्रतिशत है (और ग्रामीण समुदायों में एक प्रतिशत है). इससे कॉन्गो (डीआरसी) में, सोलर के इस्तेमाल से होने वाले अहम आर्थिक और सामाजिक प्रभाव देखे जा सकते हैं.

हमारे चार शुरूआती प्रोजेक्ट में, सोलर सिस्टम की तीन श्रेणियांं शामिल हैं. पहली श्रेणी के प्रोजेक्ट में छोटे और पोर्टेबल सोलर उत्पाद आते हैं, जो रोज़मर्रा के कामों में ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा की छोटी-छोटी ज़रूरतों को तुरंत पूरा कर सकते हैं. इन उत्पादों में इलेक्ट्रॉनिक तराज़ू जैसी चीज़ों को चार्ज करने वाली यूनिट शामिल हैं. इससे खान में काम करने वाले लोगों को, खनन सहकारी समितियों के साथ ज़्यादा मुनासिब व्यापार करने में मदद मिलती है. साथ ही, हाथ में पकड़ी जा सकने वाली सोलर लालटेन से, महिलाएं रात में सुरक्षित तरीके से अपने घर लौट सकती हैं.

इस सोलर सिस्टम की दूसरी श्रेणी, ऐसे सघन समुदायों के लिए बनाई गई है जहां ज़्यादा घर होते हैं. इसका इस्तेमाल छोटे कारोबारों, कृषि क्षेत्रों या औद्योगिक ग्राहकों के लिए किया जाता है. इनमें प्रिफ़ैब्रिकेटेड सोलर बॉक्स (सोलर बॉक्स के छोटे-छोटे हिस्सों को साइट पर इकट्ठा करके इस्तेमाल करना) जैसे समाधान शामिल हैं, जो सैकड़ों घरों के साथ-साथ पानी फ़िल्टर करने वाले केंद्रीय सिस्टम को भी बिजली दे सकते हैं. इस सिस्टम की मदद से, लोग अपने जग में पानी भरकर घर ले जा सकते हैं.

इस सोलर सिस्टम की तीसरी श्रेणी, बड़े कस्टम-इंजीनियर माइक्रोग्रिड हैं. यह खास तौर पर समुदाय के लिए बनाए गए हैं और साइट पर जोड़े जाते हैं. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हमारे पायलट प्रोजेक्ट की सभी श्रेणियों के नतीजे, आने वाले समय में कॉन्गो पावर विस्तार के तहत ही जाने जाएंगे.

हर प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति की जानकारी यहां दी गई है:

नायमहाले

नायमहाले हमारी पहली साइट थी, जहां हमने दिसंबर 2017 में प्रोजेक्ट शुरू किया था. इस प्रोजेक्ट में छोटे पोर्टेबल सोलर सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, जो इलेक्ट्रॉनिक तराज़ू और निगरानी रखने वाले उपकरण को बिजली देता है. इससे, सोने की खानों में काम करने वाले लोगों को सही मुआवज़ा मिलने में मदद मिलती है. साथ ही, कानूनी रूप से चल रहे कारोबार को भी सहयोग मिलता है.

नायमहाले के बेटर सोर्सिंग प्रोजेक्ट में, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम कर रहे लुसियां बहिंबा कहते हैं, “इस प्रोजेक्ट को स्थानीय समुदाय ने खूब सराहा है और इसमें खान से निकलने वाले खनिज के सप्लाई चेन से जुड़े लोगों की मदद करने की काफ़ी संभावना है.” “उदाहरण के लिए, निगरानी का काम करने वाले लोग आसानी से उन स्मार्टफ़ोन को चार्ज कर सकते हैं जिनमें वे निगरानी से जुड़ी जानकारी रिकॉर्ड करते हैं. यह सिस्टम उन घरों में रोशनी करने के लिए भी बिजली दे सकते हैं जहां हम ट्रेस करने की जानकारी इकट्ठा करते हैं.”

यह सिस्टम, बेटर सोर्सिंग की टीम के पास रहता है, ताकि उस क्षेत्र में निगरानी के लिए जारी कोशिशों को सहयोग दिया जा सके.

इटुरी

इटुरी (आईएमपीएसीटी ने बनाया है) में सोने की खदानों से जुड़े समुदाय के पास कुछ पोर्टेबल सोलर सिस्टम हैं, जो दिसंबर 2018 में लगाए गए थे. उपकरणों और निगरानी के समाधानों को बिजली देने के अलावा, हमने रात में, खान में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए रोशनी के पोर्टेबल साधन भी दिए हैं.

हम इटुरी में परफ़ॉर्मेंस मेट्रिक पर निगरानी रख रहे हैं और उन्हें ट्रैक कर रहे हैं. इसके अलावा, हम स्थानीय सहयोगियों के साथ मिलकर सिस्टम को बढ़ाने के बारे में भी विचार कर रहे हैं.

वालीकेल

उत्तरी कीवू के वालीकेल का म्यूबी, टिन का औद्योगिक खनन करने वाले ढेरों लोगों का बसेरा है. Alphamin के सहयोग से Alliance LOWA, कॉन्गो पावर, प्रिफ़ैब्रिकेटेड कंटेनर इंस्टॉल कर रहे हैं, जो समुदाय को सौर ऊर्जा और साफ़ पानी देंगे. Alphamin का काम, टिन की खदान और गैर-लाभकारी संस्था के रूप में सामुदायिक मदद पेश करने तक फैला हुआ है.

राफ़्टरी बताते हैं, “वालीकेल हमारे लिए खास है, क्योंकि खनन करने वाली कंपनी इसमें सीधे हिस्सा लेती है.” “उनकी स्थानीय गैर-लाभकारी संस्था भी सामुदायिक सेवाएं दे रही है और समुदाय के साथ सीधे जुड़ रही है.”

वालीकेल प्रोजेक्ट, 2019 की तीसरी तिमाही में शुरू हुआ था.

ईज़वी द्वीप

ईज़वी, दुनिया का 10वां सबसे बड़ा अंतर्देशीय द्वीप है. यहां बिजली पहुंचाना बहुत बड़ी उपलब्धि है. हम यहां मिनीग्रिड इंस्टॉल कर रहे हैं, जो हजारों लोगों की मदद करने और समुदाय को परेशानियों से उबरने की क्षमता देने के लिए बनाया गया है. साथ ही, इसमें बर्फ़, कॉफ़ी, और पोल्ट्री को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया है.

ज़्यादा से ज़्यादा लोगों पर प्रभाव डालना

कारोबारों को अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल करके आगे बढ़ने का मौका देना (और डीज़ल जनरेटर वाले उपकरणों का इस्तेमाल रोकना), समुदायों और पर्यावरण के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
कारोबारों को अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल करके आगे बढ़ने का मौका देना (और डीज़ल जनरेटर वाले उपकरणों का इस्तेमाल रोकना), समुदायों और पर्यावरण के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

आने वाले समय के बारे में सोचते हुए, पीज़र के सामने एक सवाल आ खड़ा होता है: यह कैसे पक्का किया जाए कि समय के साथ, यह प्रोजेक्ट असरदार तरीके से आगे बढ़ेगा?

पीज़र कहती हैं, “चाहे बात ऐसे नए मॉडल की टेस्टिंग की हो जिन्हें हम बाद में दोबारा बना सकते हैं या फिर ऐसे नए पार्टनर की पहचान करने की हो जो दूसरे क्षेत्रों में इन नए मॉडल को अपनाने या मौजूदा जगहों पर हमारा प्रभाव बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकें, हमें कॉन्गो में रहने वाले समुदायों का ध्यान रखना ही पड़ता है. इसके अलावा, अपना काम बढ़ाने के साथ ही हमें उस समुदाय के नज़रिए को समझना होता है कि ऊर्जा का इस्तेमाल कर पाने से क्या-क्या किया जा सकता है.”

सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए, हमने हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, बर्कली के साथ एक रिसर्च प्रोजेक्ट रिन्युएबल ऐंड अप्रोप्रीएट एनर्जी लैबाेरेट्री को पूरा किया है. यह रिसर्च, कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य में लोगों तक ऊर्जा पहुंचा कर, संघर्ष और असमानता को कम करने की कोशिश के बारे में है. यह रिसर्च कॉन्गो (डीआरसी) में खनिज के खनन की संभावनाओं को एक्सप्लोर करने के दौरान की गई. इस रिसर्च में खनन, स्वच्छ ऊर्जा, उसके संरक्षण, उसकी वजह से होने वाले आर्थिक और लैंगिक सशक्तिकरण का ध्यान रखा गया. साथ ही, खनन की वजह से होने वाले संघर्ष पर रिसर्च की गई.

कॉन्गो पावर से जुड़े पार्टनर का नेटवर्क, कॉन्गो (डीआरसी) में रहने वाले समुदायों का सहयोग करना चाहता है. इसके लिए, वे समस्याओं से निपटने की क्षमता बढ़ाने और कच्चे खनिजों पर निर्भरता कम करने के लिए, अलग-अलग तरह के आर्थिक विकल्प देते हैं.